सिद्धार्थ से बुद्ध की आत्मा के परमात्मा का यथार्थ सत्यार्थ।। सिद्धार्थ से बुद्ध की आत्मा के परमात्मा का यथार्थ सत्यार्थ।।
जिंदगी के लम्हो में साथ साथ जिया हमने गांव की गलियो में पचपन की शरारत। जिंदगी के लम्हो में साथ साथ जिया हमने गांव की गलियो में पचपन की शरारत।
अब और आगे बढ़ों, इन लहरों का न आज थमने दो ! अब और आगे बढ़ों, इन लहरों का न आज थमने दो !
कलम बिन जीवन का है नहीं कोई योग कलम बिन जीवन का है नहीं कोई योग
जो सचमुच में लड़ाकू है पार उसी ने पाई है। जो सचमुच में लड़ाकू है पार उसी ने पाई है।
अंत में यही कहूँगी सुनना सबकी करना हमेशा मन की। अंत में यही कहूँगी सुनना सबकी करना हमेशा मन की।